महानियंत्रक संचार लेखा की कलम से

माननीय प्रधान मंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार देश भर में, विशेष रूप से भारत के ग्रामीण और दूरदराज के हिस्सों में पेपरलेस, कैशलेस और फेसलेस सेवाओं की परिकल्पना करते हुए "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" के उद्देश्यों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है। दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन रसीदें, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के कर्मचारियों के लिए सामान्य भविष्य निधि का सीधा भुगतान, जीवन प्रमाण पोर्टल के माध्यम से पेंशनरों का पंजीकरण आदि सहित शासन को आसान बनाने के लिए डिजिटलीकरण और समाधान प्रदान करने के लिए कई तरह की पहल की गई हैं। दूरसंचार पेंशनभोगियों के लिए पेंशन भुगतान की वर्तमान प्रणाली में, 3.5 लाख दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) से सेवानिवृत्त लोगों के लिए पेंशन नियंत्रक संचार लेखा (CCA) कार्यालयों द्वारा स्वीकृत और अधिकृत की जा रही है। इसके बाद मध्यस्थ अभिकर्ताओं (एजेंटों)-बैंकों और मुख्य डाकघरों द्वारा पेंशनभोगियों को कमीशन के आधार पर पेंशन का वितरण किया जाता है। भुगतान की गई पेंशन की राशि 10500 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। । जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है कि दूर संचार विभाग के पास वर्तमान में लगभग 3.5 लाख पेंशनभोगी हैं और निकट भविष्य में इस संख्या में लगभग 1.5 लाख पेंशनरों की वृद्धि होगी । हालांकि, मौजूदा व्यवस्था में कई कमियां नजर आ रही हैं। इनमें से कुछ है- जैसे कि पेंशन के संवितरण में देरी, मंजूरी देने वाले अधिकारियों से डाकघरों एवं केंद्रीय पेंशन प्रसंस्करण प्रकोष्ठ (CPPC) के माध्यम से बैंकों को पेंशन भुगतान आदेश (PPO) के भौतिक संचलन में लगने वाला समय, संशोधन के बाद पेंशन के बकाया राशि के भुगतान में देरी, त्रुटिवश गलत संवितरण और उसके बाद पेंशन की कष्टदायक वसूली। इसके अलावा, विभागों की बहुलता के परिणामस्वरूप पेंशनरों की शिकायत निवारण, पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी, दूरसंचार विभाग को बैंकों/डाकघरों द्वारा किए गए अतिरिक्त भुगतान की वापसी न करना, वास्तविक आंकड़े पेंशनभोगी या लेखा परीक्षक को सूचित नहीं करना, और कागज आधारित अप्रभावी लेखापरीक्षा(ऑडिट) में कठिनाई होती है। इन सभी खामियों के बावजूद, बैंकों और डाकघरों को दिया जाने वाला कमीशन लगभग रु. 35 करोड़ प्रति वर्ष है